झोलाछाप डॉक्टर ने नाबालिग युवती के साथ क्लीनिक में किया बलात्कार

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पन्ना जिले का बृजपुर पुलिस थाना। (फाइल फोटो)

*      नर्स का काम सिखाकर नौकरी लगवाने का दिया था झांसा

पन्ना/बृजपुर। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना में एक झोलाछाप डॉक्टर पर क्लीनिक में काम करने वाली 17 वर्षीय नाबालिग युवती के साथ जबरन बलात्कार करने का आरोप लगा है। पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने बलात्कार समेत अन्य धाराओं में प्रकरण पंजीबद्ध कर आरोपी को तत्परता से गिरफ्तार कर लिया। घटना पन्ना जिले के बृजपुर थाना क्षेत्र के पहाड़ीखेरा ग्राम की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ीखेरा के बस स्टैंड के समीप झोलाछाप डॉक्टर शिवप्रसाद वर्मा पिता पराग वर्मा निवासी हरसौली थाना कर्वी जिला चित्रकूट उत्तर प्रदेश बिना किसी वैध पंजीयन के लगभग 4-5 माह से अपने क्लीनिक में मरीजों का इलाज कर रहा था। कुछ समय पूर्व नाबालिग युवती अपने पिता के साथ दवा करवाने शिवप्रसाद के क्लीनिक पर आई थी। इस दौरान फर्जी डॉक्टर ने युवती के पिता से बेटी की तारीफ की और नर्स का काम सिखाकर नौकरी लगवाने का झांसा दिया गया। पढ़ी-लिखी बेटी के बेहतर भविष्य की उम्मीद में पिता उसे डॉक्टर के क्लीनिक पर भेजने लगा।
पन्ना जिले का बृजपुर पुलिस थाना। (फाइल फोटो)
गत दिवस झोलाछाप डॉक्टर शिवप्रसाद वर्मा 55 वर्ष ने बेटी की उम्र की नाबालिग कर्मचारी को क्लीनिक में ही जबरन अपनी हवश का शिकार बना डाला। पहाड़ीखेरा से वापस घर पहुंचकर पीड़िता ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी परिजनों को दी। जिसके बाद नाबालिग ने पिता के साथ पहाड़ीखेरा पुलिस चौकी पहुंचकर घटना की रिपोर्ट लिखाई। बृजपुर थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह भदौरिया एवं चौकी प्रभारी पहाड़ीखेरा कमल सिंह ने घटना की गंभीरता के मद्देनज़र तत्परता से कार्रवाई कर बलात्कार के आरोपी फर्जी डॉक्टर शिवप्रसाद वर्मा को दबिश देकर चित्रकूट से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया आरोपी अपने क्लीनिक में ही निवास करता था। अजयगढ़ एसडीओपी राजीव सिंह भदौरिया ने बताया आरोपी डॉक्टर के खिलाफ बृजपुर थाना में दुष्कर्म समेत अन्य धाराओं के तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में जिला जेल पन्ना भेजा गया।

गांव-गांव संचालित हैं अवैध क्लीनिक

उल्लेखनीय है कि पन्ना में सैंकड़ों की संख्या में झोलाछाप डॉक्टर जिला और तहसील मुख्यालय समेत गांव-गांव धड़ल्ले से अवैध क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। चिकित्सक की डिग्री और पंजीयन के बगैर क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज करने वाले फर्जी डॉक्टरों को जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों का अघोषित संरक्षण प्राप्त है। इसके एवज में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पन्ना के कर्मचारी तथा संबंधित बीएमओ झोलाछाप डॉक्टरों से वसूली करते हैं। अवैध क्लीनिक का निरीक्षण उपरांत और नोटिस भेजकर कार्यवाही का दवाब बनाते हुए मोटी रकम ऐंठी जाती है। हाल ही में जिले के अजयगढ़ में दो झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही की गई है। लेकिन सालभर में गिनती के फर्जी डॉक्टरों पर कार्यवाही के पीछे का मकसद सिर्फ और सिर्फ कार्रवाई के नाम पर दिखावा करना और दवाब बनाने से ज्यादा कुछ नहीं है। जिले में फर्जी डॉक्टरों की संख्या सैंकड़ों में होने के बावजूद एक साल में बमुश्किल दर्जनभर पर कार्रवाई होना अगर दिखावा नहीं तो और क्या है। जबकि इनके गलत इलाज के कारण हर साल कई लोग बेमौत मर जाते हैं। विडंबना यह कि गलत इलाज के कारण होने वाली मौतों केअधिकांश मामले जागरूकता के आभाव, आपसी समझौता एवं भ्रष्टाचार के कारण दब जाते हैं। वहीं अवैध क्लीनिकों में गर्भपात करवाए जाने की भी चर्चाएं हैं।