पन्ना के जंगल में भड़की भीषण आग, 3 सुरक्षा श्रमिक झुलसे

0
431
उत्तर वन मंडल पन्ना अंतर्गत झलाई के जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए फायर लाइन काटने एवं अन्य उपाय करते वनकर्मी।

*   आग बुझाने के दौरान लपटों की चपेट में आने से हुई दुर्घटना

*   घायल सुरक्षा श्रमिकों को जिला अस्पताल में कराया भर्ती

पन्ना।(www.radarnews.in) गर्मी के मौसम की दस्तक के साथ ही पन्ना के जंगल में आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं। ताजा घटना उत्तर वन मंडल की पन्ना रेंज अंतर्गत आने वाले झलाई के जंगल की है। झलाई ग्राम के नजदीक स्थित प्लांटेशन में आज अज्ञात कारणों के चलते अचानक आग भड़क उठी। हवा के झोकों के चलते देखते ही देखते आग भीषण होकर बड़े क्षेत्र में फ़ैल गई। विकराल रूप ले चुकी आग को बुझाने के दौरान वन विभाग के तीन सुरक्षा श्रमिक लपटों की चपेट में आकर झुलस गए। किसी तरह अपनी जान बचाकर भागे घायल सुरक्षा श्रमिकों को इलाज के लिए आनन-फानन पन्ना लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। घायल श्रमिकों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वहीं भीषण आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया है।
जिला मुख्यालय पन्ना से महज 6-7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वन ग्राम झलाई के जंगल में रविवार को दोपहर के समय अचानक आग भड़क उठी। जंगल में आग लगने की सूचना मिलते ही पन्ना से वनकर्मियों की टीम कुछ ही देर में मौके पर पहुँच गई। हालांकि इस बीच हवाओं के चलते आग ने विकराल रूप धारण करते हुए करीब 10-12 हेक्टेयर‌ क्षेत्र को अपने आगोश में ले लिया। सूखी घास और पत्तियों को ख़ाक करके जंगल में की तेजी से फैलती आग को काबू करने के लिए वनकर्मियों ने जगह-जगह फायर लाइन काट दी। आग पर नियंत्रण पाने के प्रयास के दौरान शाम करीब 4 बजे ऊंची उठती लपटों की चपेट में आने से तीन सुरक्षा श्रमिक झुलस गए। अपनी जान बचाकर भागे घायल सुरक्षा श्रमिकों को मौके पर मौजूद वनकर्मियों द्वारा इलाज के लिए तुरंत पन्ना जिला अस्पताल लाया गया। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने सुरक्षा श्रमिक राजेन्द्र यादव 50 वर्ष को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी। जबकि शेष दो सुरक्षा श्रमिक हरि सिंह यादव 60 वर्ष और कपूर सिंह यादव 55 वर्ष को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।
उत्तर वन मंडल की पन्ना रेंज के परिक्षेत्राधिकारी अभिषेक दुबे ने रडार न्यूज़ को बताया कि जिला अस्पताल में भर्ती दोनों सुरक्षा श्रमिकों की हालत खतरे से बाहर है। जंगल की आग पर भी सूर्यास्त होने के पहले ही पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया है। हवाओं के चलते आग का फैलाव लगभग 10-12 हेक्टेयर‌ में  हुआ है लेकिन जंगल को कोई ख़ास क्षति नहीं पहुंची। आग में सूखी घास और पत्तियां ही जलीं है। रेंजर श्री दुबे ने बताया कि झलाई बीट और अमझिरिया बीट के मध्य में स्थित जंगल में आग लगी थी। उक्त क्षेत्र वन कक्ष क्रमांक- 415-416 अंतर्गत आता है। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका। आपने एक सवाल के जवाब में बताया कि उक्त वन क्षेत्र में अभी तक महुआ के पेड़ों में फूल नहीं आए हैं इसलिए महुआ बीनने वालों के द्वारा पेड़ के नीचे जमा घास-पत्तियों को साफ़ करने के लिए आग लगाई जाए इस बात की संभावना नहीं है। आग किन कारणों से लगी इसका पता लगाने के लिए प्रकरण दर्ज कर सभी पहलुओं की बारीकी जांच-पड़ताल की जाएगी।