शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मौसम के बदले मिज़ाज ने जिले के अन्नदाता किसानों की मुश्किलें और चिंता बढ़ा दी है। शुक्रवार को जिला मुख्यालय पन्ना सहित आंचलिक क्षेत्रों में रुक-रूककर हल्की बारिश होने से खेतों में कटाई के लिए तैयार और कटकर खलिहान में गहाई के लिए रखी फसलें पानी में भीग गईं। बेमौसम बारिश के कारण रबी फसलों के नुकसान का खतरा बढ़ गया है। खासकर रबी की दलहनी-तिलहनी फसलों लिए यह बारिश सर्वाधिक नुकसानदेह साबित हो सकती है। इसलिए अन्नदाता किसान अपने खून-पसीने की कमाई रुपी फसल की सुरक्षा को लेकर खासे चिंतित नजर आ रहे हैं। तमाम विपरीत परिस्थितियों एवं समस्याओं जूझते हुए जिले के अधिकाँश किसानों ने रात-दिन कड़ी मेहनत करके किसी तरह अपनी फसल तैयार की है। लेकिन बेमौसम बारिश और कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु जारी लॉकडाउन के कारण उन्हें अब अपनी फसल के बर्बाद होने का डर सताने लगा है।
हालात के सामने बेबश और मायूस किसानों ने बताया कि बारिश की वजह से खलिहान में रखी फसल गीली हो चुकी है, जिससे गहाई के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ सकता है। मिट्टी गीली होने से खेतों में पकी खड़ी फसल भी काटना मुश्किल होगा। आंचलिक प्रतिनिधियों एवं किसानों से प्राप्त जानकारी के अनुसार पन्ना सहित आसपास के क्षेत्र- देवेन्द्रनगर, अमानगंज, अजयगढ़, सलेहा आदि में अचानक बारिश होने से किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोराना वायरस संक्रमण के प्रकोप के चलते लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने पर संक्रमित होने का डर, पुलिस की सख्ती की वजह से फसलों कटाई और गहाई के लिए मजदूर व थ्रेशर मिलना पहले से ही मुश्किल हो रहा है।
वहीं अब बारिश होने से फसलों की कटाई-गहाई कुछ दिनों तक संभव नहीं हो पाएगी। समाचार लिखे जाने तक जिले भर में आसमान में काले बादल छाए रहे। जिससे फिलहाल मौसम साफ होने की संभावना कम है। जानकारों का मानना है, यदि मौसम की बेरुखी इसी तरह जारी रही तो किसानों की मुसीबतें और भी बढ़ सकती है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दौरान फसलों की कटाई-गहाई हेतु किसानों, कृषि मजदूरों को घरों से बाहर निकलने, हार्वेस्टर, थ्रेशर एवं फसल के भंडारण हेतु परिवहन हेतु विशेष छूट दी गई है।