पन्ना जिले की पवई रेंज अंतर्गत पड़रहा बीट में हुई कार्रवाई
बाँध प्रभावित लाखों का मुआवजा लेकर वन भूमि में बना रहे थे मकान
पन्ना। रडार न्यूज तेजी से उजड़ते जंगल और सिकुड़ती वन भूमि को पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से बचाये रखना वर्तमान समय में बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है। तमाम विषम परिस्थितियों और व्यवहारिक कठिनाईयों से जूझते हुए वन विभाग के कतिपय अधिकारी-कर्मचारी वन और वन्यजीवों के संरक्षण के अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा व ईमानदारी के साथ कर रहे हैं। पन्ना जिले के दक्षिण वन मंडल की पवई रेंज अंतर्गत पड़रहा बीट की पांच हेक्टेयर वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्रवाई ऐसी ही एक ईमानदार कोशिश है। पवई रेंजर शिशुपाल अहिरवार के नेतृत्व में की गयी इस कार्यवाही की जितनी भी सराहना की जाये शायद वह कम है। इसकी वजह दरअसल यह है कि भारी दबाब-तनाव के बीच वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने की कार्यवाही को बड़ी ही सूझबूझ और संवेदनशीलता के साथ अंजाम दिया गया। जिससे मौके पर कोई विवाद या खास विरोध की स्थिति निर्मित नहीं हो पाई। । यह वन विभाग की चाक-चौबंद व्यवस्था का ही असर था कि अतिक्रमणकारियों की आंखों के सामने बुलडोजर उनके आधे-अधूरे बने आशियानों को ध्वस्त करता रहा लेकिन किसी ने भी इसमें बाधक बनना उचित नहीं समझा। इतना ही नहीं सभी अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध बकायदा भारतीय वन अधिनियम 1972 के तहत प्रकरण भी पंजीबद्ध किया गया है।
रोकने के बाद भी जारी रखा अतिक्रमण
उल्लेखनीय है कि पड़रहा ग्राम के पवई मध्यम सिंचाई परियोजना प्रभावित 30-35 ग्रामीणों को उनकी भूमि के अधिग्रहण के एवज में लाखों का मुआवजा मिला है। इनका विस्थापन समीपी ग्राम बिसानी के राजस्व क्षेत्र में किया गया था। बाबजूद इसके उक्त ग्रामीणों द्वारा पवई रेंज अंतर्गत पड़रहा बीट के कक्ष क्रमांक पी-701 में अवैध कब्जा कर झोपड़ी और मकानों का निर्माण कर स्थाई अतिक्रमण किया जा रहा था। इसे गंभीरता से लेते हुए पवई रेंजर शिशुपाल अहिरवार द्वारा समस्त अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध 27 जुलाई 2018 को सर्वप्रथम नियमनुसार वनभूमि को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु नोटिस जारी किये गए। लेकिन इनके द्वारा अतिक्रमण करना बंद नहीं किया गया। तत्पश्चात डीएफओ को इसकी जानकारी देते हुए उनके निर्देशन में कार्यवाही हेतु एक दल गठित किया गया। साथ ही पुलिस से भी अतिक्रमण हटाने में सहयोग मांगा गया।
लकड़ी जप्त कर बनाये प्रकरण
रविवार 5 अगस्त को पूरी तैयारी के साथ रेंजर शिशुपाल अहिरवार बुलडोजर लेकर दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और अतिक्रमणकारियों को गृहस्थी का सामान निकालने का मौका देते हुए कुछ ही देर बाद उनके मकानों और झोपड़ियों पर बुलडोजर चलवाकर उन्हें ध्वस्त करवा दिया। अतक्रमणकारियों द्वारा झोपड़ी बनाने के लिए जंगल से काटी गई लकड़ियों को जप्त करते हुए उनके खिलाफ वन अपराध के प्रकरण पंजीबद्ध किये गए। समस्त कार्यवाही की वीडियोग्राफी-फोटोग्राफी कराते हुए पड़रहा बीट की 5 हेक्टयर वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया । इस कार्यवाही में दक्षिण वन मंडल पन्ना की पवई , मोहन्द्रा, शाहनगर और रैपुरा रेंज के वनकर्मी शामिल रहे।