* कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ने सलेहा थाना में दर्ज कराई रिपोर्ट
पन्ना। आवासीय इलाके (रिहायशी क्षेत्र) के बीचों-बीच एलपीजी सिलेण्डर का अवैध रूप से भंडारण कर लोगों के जीवन को संकट में डालने के मामले में गुनौर स्थित जमराय इण्डेन ग्रामीण वितरक गैस एजेंसी के प्रोपराइटर के विरूद्ध कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने सलेहा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। यह कठोर कार्रवाई पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार के निर्देश पर की गई। पुलिस ने गैस एजेंसी के प्रोपराइटर रंगनाथ शर्मा के विरुद्ध गत दिवस धारा 173 बीएनएस के तहत अनावेदक के विरूद्ध द्रवरूप पेट्रोलियम गैस आपूर्ति और नियंत्रण आदेश 2000 की धारा 3(4), 4(ग), गैस सिलेण्डर नियम 2016 की धारा 44(ग), आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7, भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 287 तहत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर मामले को विवेचना लिया है। रंगनाथ शर्मा के विरुद्ध कलेक्टर कार्यालय द्वारा गत 10 मार्च को जारी पत्र के परिपालन में एफआईआर दर्ज कराई गई है। गैस एजेंसी के प्रोपराइटर ने रिहायसी बस्ती में 19 नग खाली एलपीजी सिलेण्डर एवं 97 नग भरे हुए सीलपैक एलपीजी गैस सिलेण्डर अवैध रूप से भंडारित किये हुए पाए गए थे।
इस संबंध में ग्राम पंचायत सलेहा से प्राप्त शिकायत की कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी द्वारा जांच की गई थी। इस दौरान रिहायशी बस्ती के बीचों बीच ग्राम सलेहा स्थित गैस एजेंसी कार्यालय के सामने खुले टीन शेड के नीचे एलपीजी सिलेण्डर का भण्डारण पाया गया। 1354.60 किलोग्राम एलपीजी गैस भरी पाई जाने पर नियमों के प्रावधान अनुसार एक स्थान पर एक समय में अधिकतम 100 किलोग्राम द्रवित पेट्रोलियम गैस से अधिक के भण्डारण नियम का उल्लंघन पाया गया।
निर्धारित राशि से अधिक की वसूली
जांच के दौरान उपभोक्ताओं द्वारा भी निर्धारित राशि 827.50 रूपए प्रति रिफिल के स्थान पर 850 रूपए की राशि प्राप्त करने के बारे में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को अवगत कराया गया। साथ ही गैस सिलेण्डर रिफिल की होम डिलेवरी न कर ग्राम पंचायत सलेहा स्थित कार्यालय के सामने से भरे हुए एलपीजी सिलेण्डरों की आपूर्ति करना भी पाया गया। उपभोक्ताओं ने गैस रिफिल मौके पर तौल कर नहीं देने तथा घनी आबादी के बीच से सिलेण्डर वितरित कर निवासरत जनसामान्य के जीवन को संकट में डालने के बारे में जानकारी दी गई। इस संबंध में आदेश के उल्लंघन व आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत दण्डनीय अपराध होने पर जिला कलेक्टर के निर्देशानुसार गैस एजेंसी के विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई है।