जेके सीमेंट प्लांट हादसा | मृतकों की संख्या छिपाने का गंभीर आरोप, बाल-बाल बचे युवकों का दावा: 170 मजदूर फैक्ट्री के अंदर गए, 40 वापस लौटे; प्रशासन सिर्फ 4 की मौत बता रहा

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पन्ना जिले में स्थित जेके सीमेंट फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद फैक्ट्री परिसर अफरा-तफरी मच गई।
जेके सीमेंट प्लांट पन्ना में गुरुवार 30 जनवरी को हुए हृदय विदारक हादसे का सच क्या लोगों से छिपाया गया है? क्या प्रशासन और प्लांट प्रबंधन ने मिलकर हादसे की भीषणता को दबाने का काम किया? क्या मृतकों और घायलों का सही आंकड़ा छिपाया गया है? यह सवाल हादसे के बाद से ही लगातार हर किसी के जेहन में उठ रहे हैं। हादसे के चश्मदीदों के हैरान करने वाले दावों और बेहद गंभीर आरोपों से इन सवालों को बल मिला है। वहीं सोशल मीडिया पर घटना के विचलित करने वाले वायरल वीडियो, मृतकों एवं घायलों की संख्या से जुड़े संदेशों तथा मीडिया को सीमेंट फैक्ट्री में प्रवेश न देने सहित अन्य कई विचारणीय पहलू है, जिससे संदेह लगातार गहरा रहा है। भीषण हादसे में प्रशासन ने अब तक 4 मजदूरों की मौत और 15 का घायल होना बताया है। लेकिन हादसे के 48 घंटे बाद भी आमलोग प्रशासन द्वारा बताए गए हताहतों के आंकड़ों पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं।
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में अमानगंज तहसील अंतर्गत हरदुआ केन ग्राम में स्थित जेके सीमेंट कंपनी के प्लांट की दूसरी यूनिट प्रोजेक्ट कार्य में गुरुवार 30 जनवरी को निर्माणधीन बहुमंजिला इमारत की छत ढालने का कार्य चल रहा था। इस दौरान सुबह लगभग 10 बजे अचानक छत की शटरिंग और स्लैब मटेरियल गिरने से वहां काम कर रहे कई मजदूर नीचे दब गए थे। मौके पर चींख-पुकार और अफरातफरी मच गई। हादसे के समय सीमेंट प्लांट में सैंकड़ों मजदूर एवं कर्मचारी मौजूद थे। ह्रदय विदारक हादसे के तुरंत बाद कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें कुछ मजदूर लोहे के सरिया में फंसे नजर आ रहे थे।
दिल दहला देने वाले हादसों के वीडियो वायरल होने की भनक लगने पर जेके सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने बड़ी तादाद में मजदूरों-कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया था। एसडीआरएफ टीमों के द्वारा पुलिस बल, स्वास्थ्य विभाग के अमले और सीमेंट कंपनी कर्मचारियों के साथ संयुक्त रूप से राहत और बचाव कार्य करते हुए नीचे दबे मजदूरों को निकाला था। प्रशासन के आलावा प्लांट के अंदर मीडिया, मजदूरों के परिजन समेत अन्य किसी के भी अंदर जाने पर पूर्णतः रोक लगा दी गई थी। यहां तक कि एम्बुलेंस वाहनों को कई घंटे तक गेट पर रोककर रखा, अंदर प्रवेश नहीं करने दिया था। इस कदम से भड़के मजदूरों के परिजनों द्वारा मृतकों एवं घायलों की संख्या और पहचान उजागर करने की मांग लेकर प्लांट के बाहर हंगामा करते हुएप्रबंधन और प्रशासन के खिलाफ आक्रोश प्रकट किया गया। सोशल मीडिया पर भी लोग इसी मांग को लेकर खुलकर गुस्सा जाहिर कर रहे थे। लगातार बढ़ते तनाव-दबाव के बीच हादसे के लगभग 6 घंटे बाद प्रशासन द्वारा 4 मजदूरों की मौत और 15 के घायल होने की आधिकारिक तौर पर पुष्टि की गई। लेकिन अधिकांश लोग प्रशासन द्वारा बताई गई मृतकों-घायलों की संख्या को संदिग्ध मान रहे हैं।

… शेष मजदूर मलबे में दब गए

जेके सीमेंट प्लांट हादसे को लेकर प्रत्यक्षदर्शी मजदूरों के दावे बेहद हैरान करने वाले हैं। बिहार के मजदूर विवेक कुमार का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वह बता रहे हैं कि, सुबह 7:30 बजे मैं काम पर पहुंच गया था। लगभग 10:30 बजे हादसा हुआ। जिसमें कई मजदूर दबकर मर गए। सुबह 170 मजदूरों ने छत निर्माण कार्य के लिए प्लांट के अंदर इंट्री की थी, जिसमें 40 लोग सुरक्षित निकल पाए। शेष मजदूर शटरिंग और स्लैब के मलबे में दफ़न हो गए। सिर्फ 4 लोगों की लाश बरामद हुई है। हादसे में बाल-बाल बचे युवा श्रमिक विवेक ने बताया हादसे के बाद जब हम लोगों ने अपने साथियों को खोजने के लिए मलबे की तरफ रुख किया तो प्रबंधन ने उन्हें बलपूर्वक रोक दिया। हताहतों में शामिल अधिकांश मजदूर बिहार राज्य के बताए जा रहे हैं। चश्मदीद ने हादसे की वजह बताते हुए कहा, निर्माणधीन छत की शटरिंग सही तरीके से नहीं लगी थी, उसके ऊपर जब कंक्रीट डाला गया तो भार बढ़ने पर शटरिंग भरभरा कर गिर गई। युवक का आरोप है यहां सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन की प्रशासन और पुलिस से सांठगांठ है। इसलिए हादसों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है। फैक्ट्री के अंदर बगैर सुरक्षा प्रबंध के मजदूरों से रात-दिन प्रेशर में काम कराया जा रहा है। श्रमिक विवेक कुमार ने सभी मृतकों के आश्रितों को 1-1 करोड़ का मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी देने की मांग की है।

शवों को छिपाने का आरोप

भीषण हादसे के एक अन्य चश्मदीद बिहार निवासी युवा श्रमिक माचा ने जेके सीमेंट प्लांट प्रबंधन पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए बताया कि मृत मजदूरों के शवों छिपाकर गुपचुप तरीके से दफनाने का प्रयास किया जा रहा है। यहां किसी को कोई नहीं बता रहा है कि कुल कितने लोग मरे है, हम लोगों को अपने साथियों को देखने के लिए अंदर जाने से रोका दिया था। श्रमिक माचा ने हादसे की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने तथा मृतकों के आश्रितों के सम्मानपूर्वक जीवन यापन के लिए पर्याप्त मुआवजा देने की मांग की है। बता दें कि, हादसे में मृत मजदूरों एवं घायलों को लेकर किये गए दावों तथा आरोपों के संबंध में सीमेंट प्लांट प्रबंधक एपी से सिंह बात करने का काफी प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ। उधर प्रशासन चश्मदीदों के दावों को सिरे से खारिज करते हुए पूर्णतः असत्य और भ्रामक बता रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा हादसे में 4 मजदूरों की मौत और 15 के घायल होने की पुष्टि की गई है।

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MP News : पन्ना की जेके सीमेंट फैक्ट्री में बड़ा हादसा, निर्माणाधीन स्लैब गिरने से 4 मजदूरों की मौत, 15 घायल