जेके सीमेंट कंपनी से भूमि अधिग्रहण के एवज में मांगा बाजार मूल्य का 4 गुना मुआवजा

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पन्ना जिले के सिमरिया क़स्बा में जेके सीमेंट कंपनी के खिलाफ उग्र नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी किसान-बेरोजगार युवा।

*      सीमेंट प्लांट प्रभावित किसानों ने नौकरी एवं मुआवजा राशि को लेकर किया प्रदर्शन

*       निवारी ग्राम से सिमरिया तक ट्रैक्टर रैली निकालकर कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन

शादिक खान, पन्ना/सिमरिया। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में स्थापित जेके सीमेंट प्लांट प्रभावित किसानों ने अपनी भूमि अधिग्रहण के एवज में बाज़ार मुल्य का चार गुना मुआवज़ा एवं रोजगार देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। अपना हक़ पाने के लिए कई वर्षों से संघर्षरत किसानों ने कड़ी घूप में निवारी ग्राम से सिमरिया तक ट्रैक्टर रैली निकालकर धरना दिया। जेके सेम (सेण्ट्रल) लिमिटेड पर मुआवजा और नौकरी के मुद्दे पर वादाखिलाफ़ी करने आरोप लगाते हुए प्रभावित किसानों-बेरोजगार युवाओं द्वारा पन्ना कलेक्टर के नाम पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन में मुख्य रूप से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री एवं पन्ना जिला प्रभारी जीवन पटेल, किसान नेता सेवालाल पटेल, मुन्ना राजा, महिला नेत्री जीराबाई पटेल सहित बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान, बेरोजगार युवा, सामाजिक कार्यकर्ता एवं ग्रामीण शामिल रहे।
मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर सिमरिया क़स्बा में जेके सीमेंट कंपनी के खिलाफ एकदिवसीय धरना पर बैठे किसान।
पन्ना जिले की अमानगंज तहसील अंतर्गत हरदुआकेन ग्राम में पिछले साल स्थापित जेके सीमेन्ट प्लांट से प्रभावित किसानों-ग्रामीणों को कुछ समय पूर्व तक उचित मुआवजा, रोजगार, हितों के संरक्षण तथा विकास के अनेक सब्जबाग दिखाए गए। भूमि-अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, सीमेंट कम्पनी के अफसर तथा जिला प्रशासन ने किसानों से बड़े-बड़े वादे किए। लेकिन काम निकलते ही बेईमान व्यवस्था ने अन्नदाता किसानों से किए गए वादों को भुला दिया। अपने हक़ के लिए दर-दर भटकने को मजबूर किसानों की सुध लेने वाला अब कोई नहीं है। सीमेंट कंपनी के कथित दलालों, प्रशासन के अनुचित दबाव के चक्कर में फंसकर अपनी बेशक़ीमती कृषि भूमि को कौड़ियों के दाम पर बेंचने वाले किसान परिवार वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे है। जीविकोपार्जन के एकमात्र साधन बहु-फसलीय कृषि भूमि हाथ से निकलने के बाद सीमेंट प्लांट में नौकरी न मिलने से कृषक परिवारों का गुज़ारा लगातार मुश्किल होता जा रहा है। इन परिस्थितियों में जेके सीमेंट प्लांट एवं खनन लीज़ प्रभावित किसान परिवारों ने अपने हक़ के लिए नए सिरे संघर्ष का शंखनाद कर दिया है। शनिवार 10 जून को सिमरिया तहसील मुख्यालय में जिले के जानेमाने किसान नेता सेवालाल पटेल के नेतृत्व में सीमेंट प्लांट प्रभावित किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया।

वादाखिलाफ़ी से उपजा आक्रोश

सीमेंट प्लांट पिछले साल जब निर्माणाधीन था तब क्षेत्रीय किसानों ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 के प्रावधानों के अनुसार बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा देने तथा अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के क्षेत्रफल अनुसार प्रभावित परिवार के सदस्यों को सीमेंट फैक्ट्री में नौकरी देने की मांग को लेकर करीब महीने भर तक धरना-प्रदर्शन किया था। इस आंदोलन को समाप्त कराने जिला प्रशासन की मध्यस्थता में जेके सीमेंट कम्पनी ने कथित तौर पर किसानों से समझौता किया था। लेकिन समझौते की शर्तों का सीमेंट कंपनी द्वारा अब तक पालन नहीं किया गया। बदली हुई परिस्थितियों में खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे किसान जेके सीमेंट प्रबंधन पर वादाखिलाफी करने का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। इसके विरोध स्वरूप किसानों ने शनिवार को निवारी ग्राम से सिमरिया तक ट्रैक्टर रैली निकालकर प्रदर्शन किया। आक्रोशित किसानों ने इस दौरान जेके सीमेंट कंपनी, पन्ना जिला प्रशासन और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की।

स्वार्थपूर्ति के चक्कर में मौन है माननीय

पन्ना जिले के सिमरिया क़स्बा में जेके सीमेंट कंपनी के खिलाफ किसानों के धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस महामंत्री जीवन पटेल।
जेके सीमेंट के खिलाफ उमस भरी प्रचण्ड गर्मी-तेज धूप में एक दिवसीय धरना देने वाले किसानों ने आपबीती सुनाते हुए सीमेंट कंपनी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अनेक किसानों ने बताया कि, प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन का संरक्षण प्राप्त जेके सीमेंट कंपनी ने उनका बेइंतहा शोषण किया है। कंपनी प्रबंधन पूर्व में किए अपने वादों से मुकरते हुए खुलकर मनमानी करने पर आमादा है। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि किसानों के साथ हो रहे अन्याय पर क्षेत्रीय विधायक, सांसद एवं मंत्री तमशबीन बने हुए हैं। प्रभावित किसानों की मानें तो, जेके सीमेंट की कारगुजारियों पर मौन रहने के एवज में जिले के माननीय और उनके करीबी नेतागण प्रत्यक्ष-परोक्ष तौर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं पन्ना जिला प्रभारी जीवन पटेल ने धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए अपने उद्बोधन में किसानों से आव्हान किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में क्रोनी कैपिटलिज़्म की नीति पर चलने वाली प्रदेश की जनविरोधी भाजपा सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस पार्टी को अपना पूर्ण समर्थन दें। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर आपकी समस्याओं का प्राथमिकता के साथ निराकरण कराया जाएगा।

भूमि अधिग्रहण क्षेत्रफल अनुसार दी जाए नौकरी

जेके सीमेंट कंपनी की वादखिलाफ़ी से आक्रोशित किसानों-युवाओं के द्वारा सिमरिया क़स्बा में ट्रैक्टर रैली निकाली गई।
ट्रैक्टर रैली एवं धरना-प्रदर्शन के बाद सिमरिया तहसीलदार को पन्ना कलेक्टर के नाम पांच सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा गया। किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से पूर्व में हुए समझौते का अविलंब पालन सुनिश्चित करने की मांग की है। ज्ञापन में उल्लेख है कि, जिन किसानों की एक आरे भूमि से लेकर एक हैक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है उनके परिवार किसी एक सदस्य को सीमेंट कम्पनी में नौकरी दी जाए। एक हैक्टेयर से लेकर दो हैक्टेयर भूमि अधिग्रहण के प्रकरण में प्रभावित कृषक परिवार के दो सदस्यों को नौकरी दी जाए और दो हैक्टेयर से अधिक भूमि अधिग्रहण पर संबंधित किसान के परिवार से तीन सदस्यों को जीविकोपार्जन हेतु उनकी योग्यता अनुसार नौकरी दी जाए। भूमि अधिग्रहण के लिये बाज़ार मूल्य का चार गुना मुआवजा सभी किसानों को दिया जाए। सीमेंट प्लांट की नौकरियों में पन्ना जिले के स्थानीय बेरोजगार युवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। सीमेंट प्लांट की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए उनकी पूर्ति हेतु स्थानीय युवाओं को स्वरोजग़ार की स्थापना में आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाए।