* जीर्णोद्धार कार्य का खनिज मंत्री बृजेन्द्र सिंह ने किया भूमि पूजन
* शहर की पेयजल समस्या का समाधान करने में मिलेगी मदद
* अल्प वर्षा की स्थिति में भी आसानी से भर सकेंगे तीन तालाब
* दो वर्ष पूर्व भी स्वीकृत हुई थी राशि मगर पूर्ण नहीं हो सका कार्य
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) झीलनुमा प्राचीन तालाबों की नगरी पन्ना के रहवासी सप्ताह भर पूर्व तक भीषण जल संकट से जूझ रहे थे। क्योंकि, गत वर्ष अल्प वर्षा होने के कारण शहर में पेयजल की आपूर्ति करने वाले तीन तालाब निरपत सागर, धरम सागर व लोकपाल सागर निर्धारित क्षमता तक भर नहीं सके। इस साल प्रचण्ड गर्मियों के शुरू होते ही शहर की प्यास बुझाने वाले तीनों तालाब एक-एक कर जल्दी सूख गए और वहीं मानसून के देर से सक्रिय होने के चलते हाहाकार की स्थिति निर्मित हो गई। कुछ दिन पूर्व तक बूंद-बूंद पानी को तरसते शहरवासियों को पेयजल की व्यवस्था के लिए रात्रि जागरण करने तथा खाली बर्तन लेकर दर-दर भटकने को मजबूर होना पड़ा।
जिले में पिछले कुछ सालों में कई बार अल्प वर्षा के कारण जल संकट की स्थिति निर्मित हुए लेकिन इतना त्राहिमाम बीते दो दशक में कभी नहीं मचा। अब सवाल उठता है, इस बार क्या अलग हुआ जिससे जल संकट ने इतना विकराल रूप ले लिया कि हालात बेक़ाबू हो गए थे। जानकर इस अभूतपूर्व संकट के लिए नगर पालिका परिषद पन्ना, जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की अदूदर्शिता, उदासीनता और कुप्रबंधन को सीधे तौर जिम्मेदार मानते हैं। बहरहाल, ऐसी विषम परिस्थिति पुनः निर्मित न हो तथा पन्ना में पानी की सप्लाई करने वाले प्राचीन तालाब अल्प वर्षा की स्थिति में भी लबालब भर सकें इसके लिए किलकिला फीडर कैनाल को पुनर्जीवित करने की परियोजना पर कार्य शुरू हो चुका है।
अतिक्रमण के चलते संकट में है अस्तित्व

किलकिला फीडर कैनाल के बहुप्रतीक्षित जीर्णोद्धार कार्य का सोमवार 25 जुलाई को खनिज मंत्री बृजेन्द्र सिंह ने भूमि पूजन किया। बारिश के पानी को धरमसागर, सिंह सागर व लोकपाल सागर तक पहुंचाकर इन्हें निर्धारित क्षमता तक भरने के लिए बनाई गई कैनाल के जीर्णोद्धार कार्य हेतु शासन से 589.12 लाख रूपए की स्वीकृति मिली है। लगभग चार किलोमीटर लम्बी यह ओपन कैनाल जबर्दस्त अतिक्रमण की चपेट में होने और रखरखाव के आभाव के कारण क्षतिग्रस्त होने से बड़े क्षेत्र में अपना अस्तित्व खो चुकी है। किलकिला फीडर कैनाल का जीर्णोद्धार होने पर बारिश का पानी पन्ना के तालाबों तक आसानी से पहुंचकर उन्हें पूर्ण क्षमता तक भरने का काम करेगा। जिससे गर्मी के मौसम में होने वाले पेयजल जल संकट का समाधान करने में काफी मदद मिलेगी।
2 साल से अधूरा पड़ा जीर्णोद्धार कार्य

मालूम होकि करीब 2वर्ष पूर्व तत्कालीन पन्ना कलेक्टर कर्मवीर शर्मा के कार्यकाल में किलकिला फीडर कैनाल (नहर) को पुनर्जीवित करने हेतु डीएमएफ मद से बड़ी राशि खर्च की गई थी। इसके अलावा तत्कालीन कलेक्टर व कार्यपालन यंत्री जल संसाधन संभाग पन्ना बी.एल. दादौरिया के प्रयासों से जल संसाधन विभाग के द्वारा किलकिला कैनाल की कलकल को पुनर्जीवित करने हेतु लगभग 6 करोड़ की राशि स्वीकृत कराई गई थी। लेकिन कैनाल (नहर) के दोनों तरफ स्थित अतिक्रमण को हटाने के मसले पर कथित तौर पर राजनीतिक इच्छा शक्ति के आभाव के चलते उक्त जीर्णोद्धार कार्य अधर में अटक गया था।

इस कार्य की राह में सबसे बड़ी चुनौती अतिक्रमण की समस्या है। शहर के अंदर स्थित नहर के दोनों किनारों पर अतिक्रमण कर लोगों ने घर बना लिए हैं। अतिक्रमण हटाने को लेकर मतभेद के चलते वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो सका इस वजह से राशि लैप्स हो गई। इसलिए जल संसाधन विभाग को पुनः कार्य की स्वीकृति लेनी पड़ी है। अब उम्मीद की जा रही है, व्यापक जनहित से जुड़ा यह मत्वपूर्ण कार्य इस बार पूर्ण हो जाएगा। क्योंकि, मौजूदा जनप्रतिनिधि व अफसर यह बात भलीभांति जान चुके हैं, अगर इस बार किसी वजह से किलकिला का कार्य अटका तो उन्हें जनाक्रोश का सामना करना पड़ सकता है।
व्यवस्थापन के बाद शुरू होगा निर्माण
