
* GPS टैग किये गये गिद्धों के आवागमन मार्ग की प्राप्त हुई रोचक जानकारी
* देश में पहली बार पीटीआर ने अध्ययन हेतु कराई थी 25 गिद्धों की GPS टैगिंग
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) आसमान के बादशाह कहलाने वाले गिद्धों के व्यवहार, आवागमन और रहवास के मामले में प्रमाणिक जानकारी जुटाने के लिए देश में पहली बार मध्य प्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में इसी साल फरवरी महीने में चार प्रजातियों के 25 गिद्धों की जीपीएस टैगिंग की गई थी। सौर ऊर्जा चलित जीपीएस टैग की जानकारी (डेटा) उपग्रह के माध्यम से लगातार प्राप्त हो रही है, जोकि बहुत ही रोचक एवं गिद्धों के प्रबन्धन में महत्वपूर्ण बताई जा रही है। अभी हाल ही में दो हिमालयन ग्रिफिन गिद्धों के आवागमन मार्ग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई है। जिसके अध्ययन से रोचक तथ्य निकल कर सामने आये है। प्राप्त डेटा से पता चला है, पहला जी.पी.एस. टैग हिमालयन ग्रिफिन पन्ना टाइगर रिजर्व से लगभग 60 दिनों में 7500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चीन के तिब्बत क्षेत्र में पहुँच गया है। जबकि दूसरा हिमालयन ग्रिफिन पन्ना टाइगर रिजर्व से अपनी वापसी यात्रा करते हुए नेपाल में प्रवेश कर धोरपाटन हटिंग रिजर्व (नेपाल) के समीप बताया जा रहा है।

पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि, माह फरवरी 2022 में पन्ना टाइगर रिजर्व द्वारा भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के सहयोग से 25 गिद्धों को सौर ऊर्जा चलित जी.पी.एस टैग लगाये गये थे। टैग किये गये गिद्धों में 13 इण्डियन वल्चर 02 रेड हेडेड वल्चर 08 हिमालयन ग्रिफिन एवं 02 यूरेशियन ग्रिफिन वल्चर शामिल है। गिद्धों को टैग करने का मुख्य उद्देश्य उनके आवागमन एवं रहवास के सम्बन्ध में सतत जानकारी एकत्रित करना है। टैगिंग के पश्चात इस सम्बन्ध में सतत जानकारी प्राप्त हो रही है, जो बहुत ही रोचक एवं गिद्धों के प्रबन्धन में महत्वपूर्ण है
बिहार, नेपाल होते हुए एवरेस्ट के नजदीक से पहुंचा तिब्बत
हाल ही में 2 हिमालयन ग्रिफिन गिद्धों के आवागमन मार्ग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई है जिससे रोचक तथ्य निकल कर सामने आये है। पहला हिमालयन ग्रिफिन HG_8673 के जी.पी.एस.टैग की प्राप्त जानकारी से पता चला है कि यह गिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व से अपना प्रवास समाप्त कर अभी हाल ही में चीन के तिब्बत क्षेत्र में Shigatse city (शिगात्से शहर) के समीप पहुंच गया है। यह गिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व से बिहार में पटना, तत्पश्चात नेपाल देश के सागरमधा राष्ट्रीय उद्यान से माउंट एवरेस्ट के समीप से होते हुए शिगात्से सिटी की यात्रा की है। इस गिद्ध द्वारा यह यात्रा लगभग 60 दिनों में 7500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर की है। प्रतिदिन के हिसाब से देखें तो इस गिद्ध ने रोजाना औसतन 125 किलोमीटर तक उड़ान भरी है। इसी प्रकार एक अन्य हिमालयन ग्रिफिन HG_8677 ने भी पन्ना टाइगर रिजर्व से अपनी वापसी यात्रा करते हुए नेपाल देश में प्रवेश कर लिया है एवं वर्तमान में धोरपाटन हटिंग रिजर्व, नेपाल के समीप पहुंच गया है।

हाल ही में 2 हिमालयन ग्रिफिन गिद्धों के आवागमन मार्ग के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई है जिससे रोचक तथ्य निकल कर सामने आये है। पहला हिमालयन ग्रिफिन HG_8673 के जी.पी.एस.टैग की प्राप्त जानकारी से पता चला है कि यह गिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व से अपना प्रवास समाप्त कर अभी हाल ही में चीन के तिब्बत क्षेत्र में Shigatse city (शिगात्से शहर) के समीप पहुंच गया है। यह गिद्ध पन्ना टाइगर रिजर्व से बिहार में पटना, तत्पश्चात नेपाल देश के सागरमधा राष्ट्रीय उद्यान से माउंट एवरेस्ट के समीप से होते हुए शिगात्से सिटी की यात्रा की है। इस गिद्ध द्वारा यह यात्रा लगभग 60 दिनों में 7500 किलोमीटर से अधिक दूरी तय कर की है। प्रतिदिन के हिसाब से देखें तो इस गिद्ध ने रोजाना औसतन 125 किलोमीटर तक उड़ान भरी है। इसी प्रकार एक अन्य हिमालयन ग्रिफिन HG_8677 ने भी पन्ना टाइगर रिजर्व से अपनी वापसी यात्रा करते हुए नेपाल देश में प्रवेश कर लिया है एवं वर्तमान में धोरपाटन हटिंग रिजर्व, नेपाल के समीप पहुंच गया है।

