* राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने खेतों में चल रहीं अवैध रेत खदानों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
* गरीब किसानों के खेतों को माफिया ने अनुबंध के जरिए हड़प कर खोद डालीं रेत की खदानें
* प्रतिदिन खुलेआम अवैध तरीके से चल रहा है करोड़ों रुपये मूल्य की रेत का कारोबार
* खनिज मंत्री का गृह जिला और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद वी.डी. शर्मा का निर्वाचन क्षेत्र है पन्ना
शादिक खान, पन्ना। (www.radarnews.in) मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल अंतर्गत आने वाला अति पिछड़ा पन्ना जिला साल भर से अधिक समय से बहुमूल्य खनिज संसाधनों की बेतहाशा लूट का केन्द्र बना हुआ है। शासन-प्रशासन का संरक्षण प्राप्त माफिया यहां की रेत, पत्थर और हीरों को बड़े पैमाने पर खुलेआम अवैध खनन कर रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा लूटपाट रेत में मची है। पन्ना में रेत खदानों के ठेका की आड़ में रसमीत मल्होत्रा और उसके पेटी ठेकेदार नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए केन नदी के साथ-साथ निजी एवं शासकीय भूमियों को दैत्याकार प्रतिबंधित मशीनों के जरिए अनियंत्रित खनन से खोखला कर रेत निकाल रहे हैं।
अजयगढ़ क्षेत्र में केन नदी किनारे स्थित निजी एवं शासकीय भूमियों पर बगैर लीज स्वीकृति के दर्जन भर से अधिक स्थानों पर रेत के खनन का खेल बेरोकटोक जारी है। रेत के कारोबार से कई दशकों से जुड़े क्षेत्रीय लोगों की मानें तो उन्होंने इतने बड़े पैमाने पर धड़ल्ले से जारी रेत की लूट इससे पहले कभी नहीं देखी। रेत के अवैध कारोबार का व्यापक दुष्प्रभाव झेल रहे क्षेत्रीय लोगों के द्वारा इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए साल भर में न जाने कितनी शिकायतें की लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस विनाशलीला के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal – NGT) की भी शरण ली गई। मगर, रेत के अवैध कारोबार ब्रेक नहीं लग सका।
इससे हताश और निराश हो चुके अजयगढ़ क्षेत्र के लोगों के लिए बहरहाल, अच्छी खबर है। ‘‘पन्ना में जारी रेत खनन घोटाला’’ अचानक प्रदेश स्तर पर चर्चा में आ गया है। राज्य सभा सांसद एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने करोड़ों रुपए के इस घोटाले के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस व्यवस्थागत लूट की ओर आकृष्ट कराया है। दो पेज की अपनी चिट्ठी में उन्होंने विस्तारपूर्वक और तथ्यात्मक तरीके से पन्ना के रेत खनन घोटाले की स्याह हकीकत को उजागर किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बड़े पैमाने पर जारी रेत खनन घोटाले में माफिया के साथ बड़े नेताओं की मिलीभगत और इस पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठाते हुए जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की है।
राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह के द्वारा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम लिखे गए पत्र को हम अपने पाठकों की जानकारी के लिए यहां ज्यों-का-त्यों प्रकाशित कर रहे हैं –
प्रिय श्री शिवराज सिंह चौहान जी,

प्रदेश के पन्ना जिले में चल रहे रेत खनन घोटाले की ओर आपका ध्यान आकर्षित कराना चाह रहा हूँ। जहा गरीब और भोले भाले अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के छोटे-छोटे किसानों की जमीनों से करोडों रूपये की रेत निकाली जा रही है। अजयगढ़ जनपद पंचायत के अध्यक्ष श्री भरत मिलन पाण्डेय ने मुलाकात में बताया कि रेत खनन घोटाले में मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के रेत माफिया शामिल है। जो पन्ना जिले की अजयगढ़ तहसील से प्रतिदिन एक हजार डम्पर रेत निकालकर दोनों प्रदेशों के शहरों और कस्बों में बिना रॉयल्टी के बेच रहे हैं। श्री पाण्डेय का पत्र संलग्न है।
यह पूरी कार्यवाही पूर्व रेत ठेकेदार श्री रसमीत सिंह मल्होत्रा के नेतृत्व में की जा रही है। इस व्यक्ति ने अजयगढ़ तहसील के गांव रामनई, बरौनी, बल्दूपुरा, जिगनी, चंदौरा, बरकोला, भानपुर, मोहना और बीरा के रेतीले खेतों को इकरारनामे के माध्यम से हथिया लिया है। दलित वर्ग के गरीब किसानों को कुछ हजार रूपये देकर उनकी जमीन हड़प ली गई है जहां गहरे गड्डे कर प्रतिदिन प्रतिबंधित मशीनों से सैकड़ों ट्रक रेत निकाली जा रही है। इस पूरे ‘‘रेत घोटाले’’ में स्थानीय प्रशासन और खनिज विभाग की सीधी मिली भगत है।
शासन की प्रतिमाह करोड़ों रूपये की रॉयल्टी चोरी हो रही है। आपको आश्चर्य होगा कि करोड़ों रूपये की रेत का कारोबार मध्यप्रदेश शासन के खनिज मंत्री श्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के जिले में धड़ल्ले से चल रहा है। यही नही आपकी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और सांसद श्री वी.डी. शर्मा भी इसी क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व करते है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि बड़े-बड़े नेता इस रेत घोटाले में हिस्सेदार है। उनकी सहमति से ही इतना बड़ा घोटाला किया जा रहा है।
यह रेत घोटाला तीन कृषि कानून की याद दिला रहा है। जिन्हे वापस लेने के लिये पूरे देश का किसान एक साल से आंदोलन कर रहा है। तीन कानूनों मे से एक कांट्रेक्ट फार्मिंग है। जिसमें किसानों की जमीन का उपयोग अन्य कंपनियां करेगी और किसान अपनी ही जमीन पर मजदूरी करने विवश होगा। ‘‘पन्ना रेत खनन घोटाले’’ ने कांट्रेक्ट फार्मिंग के फार्मूले को बेनकाब कर दिया है।
मुख्यमंत्री जी, पन्ना में करोड़ों रूपये के रेत घोटाले को करने वाला रसमीत सिंह मल्होत्रा होशंगाबाद जिले में पिपरिया का रहने वाला है। होशंगाबाद से पन्ना जाकर मल्होत्रा के परिवार ने कई अन्य लोगों से मिलकर यादव, लोधा, अहिरवार, घोसी, अवस्थी, अहीर, केवट, रजक, बसोर, खंगार, प्रजापति, कोरी, रैकवार, धोबी, विश्वकर्मा, कुर्मी, पाल, पटेल, नामदेव, लुहार, सेन आदि जातियों के लघु और सीमांत किसानों की जमीनों का उपयोग करने का एग्रीमेंट कर लिया। इसी इकरारनामे का उपयोग कर हजारों डम्पर रेत बिना रॉयल्टी के बेची जा रही है।
