नई दिल्ली। रडार न्यूज नेटवर्क की समस्या परेशान लोगों के लिये अब नई टेक्नालाॅजी मददगार हो सकती है। सिग्नल ना मिलने पर कभी नेट नहीं चलता तो कभी-कभी जरुरी समय पर कॉलिंग के लिए भी नेटवर्क उपलब्ध नहीं हो पाता है। जल्द ही इस समस्या के निदान के लिए एक सर्विस आने वाली है। इस सेवा को इंटरनेट टेलीफोनी के नाम से जाना जाएगा। इस तकनीक से आप घर हो या ऑफिस किसी भी जगह से बिना नेटवर्क के कॉल कर सकेंगे। सरकार ने इस तरह के प्रस्ताव को अनुमति दे दी है। टेलिकॉम ऑपरेटर्स को इंटरनेट टेलीफोनी लाइसेंस लेने होंगे। जिन कंपनियों के पास यह लाइसेंस होगा, वह ग्राहकों को यह सुविधा ऑफर कर सकेंगी। इस सुविधा के लिए किसी तरह के सिम की जरुरत नहीं पड़ेगी। इसे एप के जरिए एक्टिवेट किया जाएगा। इंटरनेट टेलीफोनी को लेकर ट्राई ने पिछले साल अक्टूबर में सुझाव दिया था। इसके पीछे ट्राई का लक्ष्य कॉल ड्राप की समस्या से लड़ने का था।
इस टेक्नालाजी से कॉल ड्राप की समस्या खत्म हो जाएगी और देश से घटिया नेटवर्क की समस्या को दूर किया जा सकेगा। प्रस्ताव को टेलिकॉम कमीशन से मिली मंजूरीरू इंटर मिनिस्ट्रियल टेलिकॉम कमीशन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रिलायंस जियो, एयरटेल समेत अन्य ऑपरेटर्स इसकी शुरुआत कर सकेंगे। ट्राई के एडवाइजर अरविन्द कुमार के अनुसार- इस सेवा के आने के बाद से ग्राहकों को बहुत फायदा मिलने वाला है। इस सेवा का सबसे ज्यादा फायदा वो लोग उठा पाएंगे जिनके क्षेत्र में कनेक्टिविटी की दिक्कत रहती है। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग से लेकर मेट्रो सिटीज में भी कई ऐसे इलाके होते हैं जहां नेटवर्क की परेशानी रहती है। यहां टेलिकॉम सिग्नल कमजोर होते हैं लेकिन वाई-फाई सर्विस अच्छी आती है।
टेलीफोनी कैसे करेगा काम?
इंटरनेट टेलीफोनी का इस्तेमाल एप के जरिए किया जा सकेगा। यह एप ऑपरेटर के जरिए दी जाएगी। ऐसा भी हो सकता है की हर ऑपरेटर की अपनी अलग एप हो। इसी के साथ 10 डिजिट का मोबाइल नंबर जारी किया जाएगा जो अभी के मोबाइल नंबर की तरह होगा। आसानी से समझने के लिए बताया जाए तो अगर आप एयरटेल की सिम का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन बाद में जियो इंटरनेट टेलीफोनी एप लेते हैं तो इसके लिए यूजर्स को अलग से नंबर मिलेगा। इस नंबर और एप का इस्तेमाल ब्रॉडबैंड के जरिए किया जा सकेगा। नंबर बदलने की नहीं पड़ेगी जरुरतरू आपको उस हालात में नंबर नहीं बदलना पड़ेगा अगर आप जिस कंपनी की सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं उसी ऑपरेटर की एप का ही इस्तेमाल करें। ट्राई द्वारा इस सेवा पर जोर इसलिए दिया गया क्योंकि इससे कॉल ड्राप की समस्या से निजात मिलने के साथ-साथ खराब नेटवर्क से छुटकारा मिलेगा और वॉयस कॉलिंग सस्ती भी हो जाएगी।