अवैध वसूली का भण्डाफोड़। नेफेड का सर्वेयर 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ़्तार

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प्रकरण दर्ज़ करने की कार्यवाही में जुटी लोकायुक्त पुलिस टीम के पास नारंगी रंग की शर्ट में खड़ा घूसखोर सर्वेयर।

समिति प्रबंधक की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने की कार्यवाही

खरीदे गये अनाज को मानक घोषित करने मांगी थी रिश्वत

समर्थन मूल्य पर उपार्जित अनाज को मानक-अमानक घोषित करने में चल रहा रिश्वत का खेल

पन्ना। रडार न्यूज़  मध्यप्रदेश के पन्ना जिला मुख्यालय में लोकायुक्त पुलिस संगठन सागर की टीम ने गुरूवार 5 जुलाई 2018 को एक ट्रेप कार्यवाही को अंजाम देते हुए नेफेड के सर्वेयर को 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हांथ गिरफतार किया है। सर्वेयर भूपेन्द्र सिंह राठौर 23 वर्ष ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति हथकुरी द्वारा समर्थन मूल्य पर उपार्जित दलहन-तिलहन को भण्डारण हेतु मानक स्तर का घोषित करने के नाम पर सहायक समिति प्रबंधक सियाशरण पटैरिया से 10 हजार रूपये की मांग की थी। इस बातचीत को सहायक समिति प्रबंधक ने अपने मोबाईल फोन पर रिकार्ड कर लिया और फिर इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की गई। पूर्व योजनानुसार सियाशरण पटैरिया ने रिश्वत की राशि सर्वेयर भूपेन्द्र सिंह राठौर को देने के लिए काॅल किया तो भूपेन्द्र ने उसे पन्ना स्थित मण्डी बुलाया। सहायक समिति प्रबंधक ने वहां पहुंचकर जैसे ही रूपये दिये तभी पीेछे से आई लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर नेफेड के सर्वेयर भूपेन्द्र सिंह राठौर को रंगे हाथ गिरफतार कर लिया। इस कार्यवाही से मण्डी परिसर में कुछ देर के लिए हड़कम्प मच गया। उधर इस खबर के फैलते ही बड़ी संख्या में लोग मण्डी परिसर में एकत्र होने लगे। तेजी से बढ़ती भीड़ के मद्देनजर बिना किसी व्यवधान के आगे की कागजी कार्यवाही सम्पन्न करने के लिए लोकायुक्त पुलिस टीम घूसखोर सर्वेयर को पन्ना कोतवाली थाना ले गये। जहां उसके बयान दर्ज किये गये और रिश्वत के रूपयों के साथ उस जींस पैंट की भी जब्ती बनाई गई जिसकी जेब में कैमिकल युक्त रिश्वत के नोटों को रखा था। लोकायुक्त पुलिस संगठन सागर के डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में इस ट्रेप कार्यवाही को अंजाम दिया गया।

सात दिन तक खड़ा रहा अनाज से भरा ट्रक-

श्री पटैरिया ने बताया कि वर्तमान में समर्थन मूल्य पर सरसों, चना व मसूर की खरीदी चल रही है। मानक स्तर के दलहन-तिलहन का उपार्जन सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक खरीदी केन्द्र पर तथा भण्डारण केन्द्र पर नेफेड द्वारा अस्थाई सर्वेयर तैनात किये गये है। जोकि अनाज की खरीदी के समय उसकी गुणवत्ता की जांच करते और जब अनाज एकत्र कर भण्डारण के लिए भेजा जाता तो वहां तैनात सर्वेयर पुनः उपार्जित अनाज की जांच करते है। उल्लेखनीय है कि सात दिन पूर्व प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति द्वारा 487 क्विंटल दलहन-तिलहन भण्डारण के लिए ट्रक से देवेन्द्रनगर के समीप स्थित बड़ागांव वेयर हाउस भेजा गया। जहां तैनात सर्वेयर ने भूपेन्द्र सिंह राठौर द्वारा उक्त अनाज की गुणवत्ता जांच कर उसे मानक स्तर का घोषित करने के लिए संबंधित सहायक समिति प्रबंधक सियाशरण पटैरिया से 10 हजार रुपए की मांग की गई। रूपये देने में आनाकानी करने पर बारिश के मौसम में कई दिनों तक अनाज से लोड ट्रक को वेयर हाउस में जानबूझकर खड़ा रखा गया।

हर जगह लगती है रिश्वत-

ट्रक चालक के लगातार कॉल आने से उसकी परेशानी को देखते हुए अंततः मजबूर होकर श्री पटैरिया सर्वेयर को 10 हजार रूपये देने के लिए राजी हो गये, तब कहीं जाकर मंगलवार 3 जुलाई को उनकी समिति का अनाज भण्डारित हो सका। लेकिन बार-बार की रिश्वत की डिमाण्ड से परेशान सहायक समिति प्रबंधक ने इससे निजात पाने के लिए सर्वेयर के साथ हुई बातचीत को रिकार्ड कर लिया और फिर सागर जाकर लोकायुक्त में शिकायत कर दी। समर्थन मूल्य अनाज की खरीदी से लेकर उसके भण्डारण एवं वितरण में होने वाली अनियमिततायें व रिश्वतखोरी किसी से छिपी नहीं है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसे संरक्षण देने के कारण मौजूदा समय में हालात इतने अधिक खराब हो चुके है कि व्यवस्था में घुटन और परेशानी महसूस कर रहे एक ईमानदार शासकीय कर्मचारी को ही रिश्वतखोरी के खिलाफ खुलकर आगे आना पड़ा है।

गुणवत्ता जांच के नाम पर की लाखों की वसूली-

नेफेड द्वारा नियुक्त अस्थाई सर्वेयर को रिश्वत लेते रंगे हांथ गिरफतार कराने वाले सहायक समिति प्रबंधक हथकुरी सियाशरण पटैरिया ने बड़ी ही स्पष्टता के साथ अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी करने से लेकर नजदीकी वेयर हाउस में उसका भण्डारण कराने तक हर जगह रिश्वत देनी पड़ती है। इस संबंध में कई बार वरिष्ठ अधिकारियों को बताया गया लेकिन किसी से कोई मदद नहीं मिली। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक की मानें तो सभी समितियों के प्रबंधकों द्वारा खरीदे गये अनाज को गुणवत्तापूर्ण (मानक स्तर का) घोषित कराकर भण्डारित कराने के लिए रिश्वत देनी पड़ी है। अधिकांश समिति प्रबंधकों से नकद रिश्वत ली गई जिनके पास कैश नहीं थे उनसे एक अन्य सर्वेयर अमित द्विवेदी के इलाहाबाद बैंक के खाता क्रमांक-50368143427 में रूपये जमा करवाये गये। इस तरह अनाज की जांच के नाम पर वरिष्ठ अधिकारियों के संरक्षण में अब तक लाखों की वसूली सर्वेयरों द्वारा की जा चुकी है। सियाशरण पटैरिया ने बताया कि जो रूपये नहीं देेते उन्हें कार्यवाही की धौंस दिखाकर या फिर बेवजह के अड़ंगे लगाकर काफी परेशान किया जाता है।

इनका कहना है-‘‘रिश्वत लेते पकड़े गये सर्वेयर भूपेन्द्र सिंह राठौर के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत् प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। मामले की जांच की जा रही है इसमें यदि अन्य किसी की संलिप्तता पाई जाती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।‘‘
                राजेश खेड़े, डीएसपी लोकायुक्त पुलिस संगठन सागर

‘‘समर्थन मूल्य पर जिले के 14 केन्द्रों में 10 अप्रैल से लेकर 9 जून तक सरसों, चना मसूर की खरीदी की जा रही है। अब तक 44 हजार मैट्रिक टन दलहन-तिलहन खरीदा जा चुका है। गुणवत्ता जांच के नाम पर समिति प्रबंधकों से रिश्वत लिये जाने की मुझे कोई जानकारी नहीं है।‘‘
           -विक्रम सिंह परमार, जिला विपणन अधिकारी पन्ना

-नियुक्तिकर्ता अधिकारी ओपी पटेल द्वारा हम लोगों से रिश्वत की मांग की जाती है। नौकरी से निकालने की धमकी देते हुए रूपयों के लिए दबाव बनाया जाता है। रिश्वत के मामले में हमारी भूमिका डाकिये की तरह है।‘‘
      -भूपेन्द्र सिंह राठौर, सर्वेयर नेफेड पन्ना

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